Sunday, March 14, 2010

ईएल चर्च : बना आस्था का केंद्र
अन्य धर्म के लोगों के दूर होते हैं संकट

- अभिषेक शर्मा 'अंशुल'

NDग्वालियर के पड़ाव स्थित सेंट पॉल हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में बना ईएल चर्च प्रोटेस्टेट ईसाइयों के साथ-साथ हिन्दू व अन्य धर्मों के लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। वैसे तो यह चर्च सिर्फ 31 साल पुराना है, लेकिन इसमें आने वाले हर धर्म के लोगों के दुःख व तकलीफ प्रार्थना करने से ही दूर हो जाते हैं। चर्च में विशेष प्रार्थना सभाएँ भी होती हैं। क्रिसमिस को लेकर चर्च की साज-सज्जा बड़े जोर-शोर से की जा रही है।

भवन बेचने पर बच गई जिंदगी : जिस भवन में यह चर्च बना हुआ है, दरअसल यह भवन सन 1978 में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी के नाम था। उनके दो बेटे थे, जिसमें से बड़े बेटे की लड़की को कैंसर था। काफी इलाज कराने पर कैंसर ठीक नहीं हुआ और हालत ज्यादा खराब हो गई। ऐसे में भवन को बेचने की स्थिति निर्मित हुई। कई खरीदार आए, लेकिन उन्होंने अपना भवन ईएल चर्च सोसाइटी को चर्च बनाने के लिए बेच दिया। प्रभु यीशु की कृपा से लड़की का कैंसर भी ठीक हो गया तथा यह लड़की आज भी जीवित है तथा सन 2003 में चर्च की सिल्वर जुबली के समय चर्च में आमंत्रित भी की गई थी।


NDविशेष प्रार्थना सभा का आयोजन : चर्च के पास्टर एस.पी. दास बताते हैं कि कैथोलिक चर्च की तुलना में यहाँ सिर्फ रविवार को सुबह 9 बजे आम प्रार्थना होती है, लेकिन लोगों की सुख-शांति, कष्टों के निवारण, करियर में सफलता, संतान प्राप्ति, देश की उन्नति के लिए हर शनिवार शाम 7 बजे तथा महीने के आखिरी रविवार की संध्या को विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। इसमें हर धर्म व समाज के लोग प्रार्थना में सम्मिलित होते हैं। बुधवार को चर्च से जुड़े हुए सदस्यों के घर-घर जाकर पास्टर प्रार्थना, पूजन व प्रवचन देते हैं।

पास्टर व फादर में होता है अंतर : पास्टर एस.पी. दास बताते हैं कि लोगों में यह धारणा होती है कि ईसाई धर्म में हर धर्मगुरु फादर होता है। दरअसल कैथोलिक चर्च के धर्मगुरु को फादर तथा प्रोटेस्टेट चर्च के धर्मगुरु को पास्टर कहते हैं। दोनों अपने-अपने वर्गों के अनुसार समकक्ष हैं।


NDचर्च में क्रॉस की पूजा : प्रोटेस्टेट ईसाई प्रभु यीशु की मूर्ति की जगह क्रॉस की पूजा करते हैं। ईसाई धर्म के इस वर्ग में मूर्ति पूजा निषेध है। इसलिए प्रोटेस्टेट चर्च में प्रभु यीशु की मूर्ति की अपेक्षा क्रॉस की ही पूजा होती है।

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