सबकुछ एटिट्यूड पर डिपेंड करता है...
Feedback Print
FILEजिंदगी में ऊँचा मुकाम हासिल करना सभी चाहते हैं और इसीलिए आज यंग जनरेशन किसी भी तरह से कोई कसर नहीं छोड़ रही है। लेकिन सवाल यह है कि सिर्फ करियर प्लानिंग करने से ही बात बन जाती है? क्या जिंदगी के लिए यंग जनरेशन का नजरिया, उसका एटिट्यूड वाकई सही है?
इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमें एक स्टोरी का सहारा लेना होगा।
अमित एक होटल में मैनैजर है। उसका स्टाफ, उसके बॉस और सभी कलिग उसके नेचर और काम से खुश हैं। अमित नेचुरल मोटिवेटर है। जब भी उसकी टीम में किसी का बुरा दिन होता है, वह उसे बताता है कि इसका पॉजिटिव एंगल क्या है।
वास्तव में अमित हमेशा पॉजिटिव बना रहता है या कहें उसका एटिट्यूड पॉजिटिव है। वह हर वक्त दूसरों को मोटिवेट करता रहता। जब अमित से पूछा गया कि वह पूरे टाइम पॉजिटिव कैसे रह लेता है? तो उसने कहा कि मैं जब सुबह सोकर उठता हूँ तो मेरे पास दो च्वाइस होती हैं। या तो मैं पूरे दिन खराब मूड में रहूँ या फिर अच्छे मूड में। मैं अच्छे मूड में रहना चुनता हूँ। जब भी मेरे साथ कुछ बुरा होता है तो मेरे पास दो च्वाइस होती हैं। या तो मैं उससे सबक लूँ या फिर उसका मातम ही करता रहूँ। मैं उस बुरी घटना से सबक लेता हूँ। जब कोई मुझसे किसी बारे में कमप्लेंट करता है तो फिर मेरे सामने दो च्वाइस होती हैं। या तो मैं उस कमप्लेंट को सुनकर उस पर एक्शन लूँ या फिर उस कमप्लेंट के पॉजिटिव साइट पर ध्यान दूँ। मैं कमप्लेंट की पॉजिटिव साइड देखता हूँ।
समझ में आया आपको। क्यों अमित सभी का चहेता है और अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में खुश है। उसने अपने सोचने का ढंग बदल लिया है, इसलिए उसकी जिंदगी खुद ब खुद बदल गई। सबकुछ आपके एटिट्यूड पर डेपेंड करता है। पॉजिटिव एटिट्यूड के साथ सफलता जुड़ी है।
Sunday, March 14, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment