हिन्दी पढ़ने से दिमाग रहे सक्रिय
यूँ रहें स्वस्थ
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NDराष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केन्द्र की साइंस मैग्जीन करंट साइंस में प्रकाशित एक रिसर्च का कहना है कि अँगरेजी पढ़ते समय दिमाग का सिर्फ बायाँ हैमिस्फैयर सक्रिय रहता है जबकि हिन्दी पढ़ते समय मस्तिष्क के दोनों हैमिस्फैयर सक्रिय हो जाते हैं। इससे दिमाग तरोताजा रहता है। ऐसा इसलिए होता है कि हिन्दी के शब्दों में ऊपर, नीचे और दाएँ-बाएँ लगी मात्राओं के कारण दिमाग को इसे पढ़ने में अधिक कसरत करनी पढ़ती है। दिमाग को तेज बनाने के लिए यूँ तो हिन्दी को पढ़ना भर काफी है। लेकिन इसका बेहतर इस्तेमाल करने के लिए पेश है कुछ टिप्स : हमेशा अपने पास 'हिन्दी टू हिन्दी डिक्शनरी' रखें। रोज एक अक्षर से शुरू होने वाले 10 शब्द पढ़ें और दिन भर में जब भी समय मिलें उन्हें दोहराएँ। जैसे अगर आप चुनते हैं 'स' तो स से शुरू सम्मान, संस्कृति, स्नेह, सुख, सौभाग्य, सरल, स्पष्ट, सटीक, संक्षिप्त और समान, जैसे शब्दों की लाइन तैयार कर सकते हैं। इस तरह आपकी वॉक्यूबलेरी भी बढ़ेगी और दिमाग भी एक्टिव रहेगा।
NDशुरूआत में आप सरल शब्दों का चयन करें। धीरे-धीरे कठिन शब्द याद करें। अपनी रूचि के अनुसार आप कोई कविता, कॉमिक्स, चुटकुले या फेवरेट हिन्दी साइट या पोर्टल लॉगिन कर सकते हैं। आप अपना खुद का ब्लॉग बनाकर मन में जो भी अच्छा और क्रिएटिव आए लिख दीजिए। इससे आपको तीन गुना फायदा होगा। आपका नॉलेज तो बढ़ेगा ही, भाषा ज्ञान भी समृद्ध होगा साथ ही आपको इंटरनेट की दुनिया में एक पहचान भी मिलेगी। आप बातचीत में हिन्दी के लोकप्रिय मुहावरे और कहावतों का प्रयोग करना शुरू कर दीजिए।
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